नमस्कार दोस्तों, हिंदी अपडेट (Hindi Update) में आपका स्वागत हैं | हम यहाँ पर आप सभी लोगों के लिए सारी जानकारी हिंदी में लेकर उपस्थित हुए हैं | दोस्तों आज हम आपको “महाशिवरात्रि कब और क्यों मनाई जाती हैं ?” के बारे में बताने जा रहे हैं अगर आपको महाशिवरात्रि के त्यौहार के बारे में पूरी जानकारी चाहिए तो हमारे इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़े | हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से इसके बारे में पूरी जानकारी प्रदान करेंगे|
Contents
महाशिवरात्रि कब मनाया जाता हैं ?

महाशिवरात्रि एक हिंदू त्यौहार है, जो भगवान शिव से जुड़ा हैं | महाशिवरात्रि का त्यौहार फाल्गुन मास के कृष्णपक्ष की चतुर्दशी को भारत के अलावा कुछ अन्य देशों में भी बड़े धूम धाम से मनाया जाता हैं | शिवरात्रि अर्थात भगवान शिव की रात्रि | इस दिन की गई पूजा से भगवान शिव जल्दी प्रसन्न होते हैं |
अगर देखा जाये तो हर माह शिवरात्रि आती हैं, जिसे मासिक शिवरात्रि कहा जाता हैं | लेकिन जो शिवरात्रि फाल्गुन मास में पड़ती हैं, उसे महाशिवरात्रि कहा जाता हैं, और यह शिवरात्रि सबसे प्रभावशाली मानी जाती हैं | महाशिवरात्रि के दिन मंदिरों में लाखों भक्तों की भीड़ उमड़ी रहती हैं |
यह भी पढ़े:
होली कब और क्यों मनाई जाती हैं ?
जन्माष्टमी कब और क्यों मनाया जाता हैं ?
रथयात्रा कब और क्यों मनाया जाता हैं ?
महाशिवरात्रि का महत्व
सत्य ही शिव हैं और शिव ही सुन्दर हैं | तभी तो भोलेनाथ को सत्यम शिवम् सुंदरम भी कहा जाता हैं | शिवरात्रि भगवान भोलेनाथ को ही प्रसन्न करने का महापर्व हैं | महाशिवरात्रि के दिन भक्त व्रत, जप और तप करते हैं | इस दिन भगवान शिव का विशेष रूप से दर्शन करते हैं |
इस दिन देश के सभी हिस्सों के शिवालयों में शिव जी का अभिषेक धतूरा, बेलपत्र, दही, दूध आदि से किया जाता हैं | धर्मशास्त्रों में कहा जाता हैं की महाशिवरात्रि का व्रत करने वालों को सीधे मोक्ष की प्राप्ति होती हैं |
सिद्धि रात्रि क्यों कहा जाता है महाशिवरात्रि को ?
महाशिवरात्रि को सिद्धि रात्रि भी कहा जाता हैं | इस दिन भक्तगण रात भर जागकर भोलेनाथ को मनाते हैं, भजन गातें हैं, और मंत्रजाप भी करते हैं | मन जाता हैं की इसी दिन भोलेनाथ का ब्रह्मा से रूद्र के रूप में अवतरण हुआ था | इस कारण से इस दिन को सिद्धि रात्रि भी कहते हैं |
महाशिवरात्रि की पूजा विधि:-
इस दिन सबसे पहले स्नान कर शुद्ध कपड़े पहने, उसके बाद भगवान भोलेनाथ को दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से अलग-अलग फिर सबसे एक साथ मिलाकर पंचामृत से स्नान कराये, फिर भोलेनाथ को जल से स्नान कराये |
भोलेनाथ को चन्दन के तिलक के साथ-साथ तीन बेलपत्र, भांग, धतूरा, कमलगट्टा, तुलसी, जायफल, मीठा पान, मिष्ठान एवं दक्षिणा चढ़ाये | पूजा के समय ॐ नमः शिवाय का जाप करते रहे, तथा रूद्र, पशुपति, ईशान, भव, शर्व, उग्र, महान और भीम, इन आठो नाम से पुष्प अर्पित कर भोलेनाथ की आरती और परिक्रमा करें |
हमारे देश भारत में प्रत्येक दिन कोई न कोई त्यौहार सेलिब्रेट किया जाता हैं | सभी त्यौहारों के बारे में बता पाना बहुत मुश्किल हैं | परन्तु कुछ त्योहारों के बारे में जानकारी होना चाहिए | इसी कारण से हमने यह आर्टिकल बनाया हैं |
2023 में महाशिवरात्रि कब है ?
2023 में महाशिवरात्रि 18 फरवरी दिन शनिवार को है |
यह भी पढ़े:
गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है ?
दशहरा क्यों और कैसे मनाया जाता हैं ?
निष्कर्ष (Conclusion)
हमने इस पोस्ट में आपको “महाशिवरात्रि कब और क्यों मनाई जाती हैं” के बारे में बताने का प्रयास किया | मुझे उम्मीद है की आपको मेरा यह लेख जरूर पसंद आया होगा | अगर आपके मन में इस Article को लेकर कोई भी Doubts है या आप चाहते है की इसमें कोई सुधार हो तो आप हमें नीचे दिए Comment करके बता सकते हैं | जहाँ पर आपकी परेशानी को हल करने की कोशिश हमारी पूरी टीम करेगी | अगर आपको हमारा पोस्ट पसंद आया तो आप हमारी इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा Social Media पर Share भी कर सकते हैं |
इस तरह की और जानकारी के लिए आप हमारी Blogging, Computer, Internet, Education, Money Making, Sarkari Yojna और Technology कैटेगरी भी देख सकते हैं और हमारे Facebook, Instagram, Youtube, LinkedIn, Twitter और Quora पेज को भी Follow कर सकते हैं |